देश की सीमाओं पर तैनात हमारे वीर सैनिक हर मौसम, हर परिस्थिति में डटे रहते हैं—अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए। वे न सिर्फ देश की रक्षा करते हैं, बल्कि अपने परिवार की सुरक्षा और सम्मान की भी जिम्मेदारी निभाते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि सीमा पर खड़ा जवान मानसिक रूप से परेशान होता है, क्योंकि उसके पीछे घर में जमीन-जायदाद के झगड़े, पारिवारिक विवाद या कोर्ट-कचहरी की जद्दोजहद चल रही होती है।
ऐसे ही एक उदाहरण में एक जवान बॉर्डर पर तैनात था, लेकिन घर पर जमीन का झगड़ा था। मां परेशान थी, छोटा भाई वकीलों के चक्कर काट रहा था, लेकिन जवान छुट्टी नहीं ले सका—क्योंकि देश की रक्षा पहले थी। यही चिंता अब खत्म होने जा रही है।
NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025: एक ऐतिहासिक पहल
देश के जवानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए “NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025” की शुरुआत की गई है। इसकी लॉन्चिंग भारत के भावी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूरे कांत ने श्रीनगर से की।
इस अवसर पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा:
जवान बॉर्डर पर निडर होकर खड़ा रहे, यह भरोसा उसे होना चाहिए कि उसके घर की रक्षा कोर्ट में हम करेंगे।
योजना का उद्देश्य:
NALSA (National Legal Services Authority) द्वारा शुरू की गई यह योजना सैनिकों के परिवारों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए है, ताकि जवान छुट्टी न लेकर भी निश्चिंत रह सके कि उसके परिवार की कानूनी लड़ाई कोई योग्य वकील लड़ रहा है।
कौन-कौन से मामले कवर होंगे?
इस योजना के अंतर्गत सैनिकों के परिवारों को निम्नलिखित मामलों में सहायता प्राप्त होगी:
- भूमि, प्लॉट या संपत्ति संबंधी विवाद
- पारिवारिक विवाद (विवाह, तलाक, भरण-पोषण, घरेलू हिंसा आदि)
- पेंशन, सेवांत लाभ, उत्तराधिकार आदि से जुड़ी कानूनी उलझनें
- फौजदारी या दीवानी मामलों में बचाव या पक्ष की पैरवी
- कोर्ट में चल रही किसी भी अन्य प्रकार की प्रक्रिया में सहायता
इस योजना के लाभ:
✅ निःशुल्क कानूनी सलाह और सेवाएं
✅ प्रशिक्षित और पैनल में शामिल वकीलों की सेवाएं उपलब्ध
✅ सैनिक की उपस्थिति के बिना केस की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी
✅ सैनिकों के माता-पिता, पत्नी, बच्चों को प्राथमिकता
✅ तेजी से समाधान के लिए विशेष Fast Track व्यवस्था
कैसे मिलेगा लाभ?
- सैनिक या उनके परिजन नजदीकी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) से संपर्क कर सकते हैं।
- एक साधारण प्रार्थना पत्र और सैनिक की सेवा पहचान के दस्तावेज़ के साथ आवेदन करना होगा।
- केस की प्रकृति को देखकर योग्य पैनल वकील को नियुक्त किया जाएगा।
- पूरी कानूनी प्रक्रिया की जानकारी सैनिक को फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से दी जाती रहेगी।
क्यों है यह योजना ज़रूरी?
- सैनिकों को छुट्टी लेकर कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
- परिवार को मानसिक और आर्थिक राहत मिलेगी।
- सिस्टम में जवानों के योगदान को न्यायपालिका का सम्मान मिलेगा।
- इससे मोरल बूस्ट होगा और परिवारों को लगेगा कि वे अकेले नहीं हैं।
निष्कर्ष:
देश के वीर सैनिक सीमाओं पर निडर खड़े रह सकें, इसके लिए जरूरी है कि उनका मन भी निश्चिंत हो। NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025 न सिर्फ एक सामाजिक न्याय की दिशा में कदम है, बल्कि यह एक सम्मान है उन परिवारों के लिए जो एक बेटे, एक पति, एक भाई को देश के लिए समर्पित करते हैं।
अब कोर्ट की लड़ाई वे नहीं, हम लड़ेंगे—क्योंकि वे देश के लिए लड़ रहे हैं।
अगर आप भी किसी सैनिक परिवार से हैं या ऐसे किसी परिवार को जानते हैं जो कानूनी संकट से जूझ रहा है, तो इस योजना की जानकारी जरूर साझा करें।